राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
लखनऊ। कारगिल दिवस के मौके पर आगामी स्वतंत्रता दिवस के लिहाज से भारत सरकार के अवर सचिव प्रेम प्रकाश ने तिरंगा फहराने के लिए गाइड लाइन जारी की है।
गाइड लाइन के अनुसार तिरंगे को हमेशा सम्मान और आदर की स्थिति में रखा जाना चाहिए। क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित ध्वज को कभी भी नहीं फहराया जाना चाहिए। ध्वज को उल्टा करके नहीं फहराया जाना चाहिए, जिसमें केसरिया पट्टी सबसे नीचे हो। किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देते समय राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना अनुचित है। किसी अन्य ध्वज को तिरंगे के ऊपर, उससे ऊँचा या उसके साथ नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जहाँ से ध्वज फहराया जाता है, वहाँ से ध्वज-मस्तूल पर या उसके ऊपर फूल, माला या प्रतीक रखने की अनुमति नहीं है। राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग सजावट के लिए, तोरण, रोसेट या ध्वजा के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। ध्वज को ज़मीन, फ़र्श या पानी की सतह को छूने से रोकें। अन्य झंडों के साथ एक साथ प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। तिरंगा कमर के नीचे पहने जाने वाले कपड़ों या वर्दी का हिस्सा नहीं होना चाहिए, न ही इसे व्यक्तिगत वस्तुओं पर कढ़ाई या मुद्रित किया जाना चाहिए। ध्वज पर कोई अक्षर नहीं होना चाहिए, और इसका उपयोग वाहनों के किनारों, पीछे या ऊपर को ढकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। तिरंगे को झुका कर नहीं पकड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि नियमों का पालन न करने पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को रोकने के मकसद से सजा के प्रावधान है। इसके अनुसार जो व्यक्ति तिरंगे का अपमान करेगा, उसे 3 साल तक की जेल, या जुर्माना, या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं।
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