राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। खुदा के बंदों की सेवा करना बड़ी इबादत है। जरूरतमंद व परेशान लोगों की मदद करना इस्लाम की रोशन शिक्षा है। इन रोशन शिक्षा पर अमला करना और उनको अपनी जिंदगियों में उतारना सबाब का कार्य है। खुशनसीब है वह लोग जो खुदा के बंदों के काम आते हैं।
यह विचार इमाम ईदगाह लखनउ व काजी शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली चेयरमैन ने इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल में व्यक्त किए। वह मेदांता अस्पताल लखनउ और इस्लामिक सेंटर के सौजन्य से ईदगाह लखनउ में आयोजित निशुल्क चिकित्सा कैंप में पहुंचे थे। इस कैंप का आरंभ वर्ष 2000 में वालिद मरहूमद मौलाना मुफृी अबू तैयब अहमद मियां फरंगी महली की सरपरस्ती में हुआ था। रविवार को 179वां कैंप था। कैंप में मेदांता अस्पताल के हडडी रोग, और लिवर रोग समेत अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए। जिन्होंने मरीजों का निशुल्क परीक्षण किया। इस मौके पर मौलाना गुफरान अहमद शमसी और मौलान अब्दुल लतीफ आदि मौजूद रहे।
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