राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
हरदोई : अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह ने अवयस्क बालिका को बहला फुसलाकर भगा ले जाने एवं उससे दुष्कर्म करने से सम्बन्धित मुकदमे में अभियुक्त को अर्थदंड के साथ 10 वर्ष के कारावास की सजा दी है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमलेंद्र सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार वादी मुकदमा ने 16 अक्टूबर 2002 को थाना लोनार पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसकी पुत्री एक अक्टूबर 2002 की रात में भाग गई थी। वादी को इस बात की जानकारी सुबह उसकी पत्नी द्वारा बताए जाने पर हुई। वादी ने पुत्री को तलाश किया और न मिलने पर 16 तारीख को रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिपोर्ट में संदेह व्यक्त किया गया कि प्रतिपाल पुत्र बच्चन निवासी ग्राम जो बहुधा उसके घर आता था, वही उसकी अवयस्क बालिका आयु 14 वर्ष को अभियुक्त प्रतिपाल पुत्र बच्चन निवासी ग्राम झौहाना थाना लोनार अपने साथी राजवीर, नन्हे, एवं बेचेलाल के सहयोग से बहला फुसलाकर कर भगा ले गया है। पुलिस द्वारा आरोपपत्र प्रेषित किया गया। शासकीय अधिवक्ता अमलेंद्र सिंह के अनुसार मुकदमे के तीन अभियुक्तों राजवीर, नन्हे एवं बेचेलाल को 6 सितम्बर 2008 को अर्थदंड के साथ दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी जबकि आदेश की तिथि से पहले अभियुक्त प्रतिपाल फरार हो गया था। अभियुक्त प्रतिपाल के न्यायालय में पेश होने पर पूर्व में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर तथा शासकीय अधिवक्ता श्री सिंह एवं बचाव पक्ष को सुनने के बाद अभियुक्त प्रतिपाल को भादवि की भिन्न भिन्न धाराओं में 7 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी है।
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